तकनीकी युग में बाल साहित्य ही बचा सकता है संस्कारों की थाती
लूणकरणसर, 27 फरवरी राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर एवं चनणी फाउण्डेशन, जोधपुर के संयुक्त तत्वावधान में जोधपुर आयोजित साहित्यिक आयोजन में लूणकरणसर उपखण्ड के साहित्यकार राजूराम बिजारणियां और मदनगोपाल लढ़ा ने शिरकत की। जोधपुर के होटल चंद्रा इन में आयोजित इस कार्यक्रम में राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल और अकादमी अध्यक्ष दुलाराम सहारण ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। लूणकरणसर के कवि, चित्रकार राजूराम बिजारणियां ने "वर्तमान में बाल साहित्य लेखन और चुनौतियां" विषय पर पत्रवाचन करते हुए कहा कि तकनीकी युग में बाल साहित्य ही संस्कारों की थाती को बचा सकता है। महाजन के डॉ. मदन गोपाल लढ़ा ने प्रथम सत्र में अध्यक्षता का दायित्व निभाते हुए कहा कि घर में किताब का कोना होना चाहिए ताकि पठन की संस्कृति बची रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में सरदार व.भा. पुलिस वि.वि., जोधपुर, कुलसचिव, श्वेता चौहान (आई.ए.एस.) का सानिध्य रहा। कार्यक्रम संयोजक संतोष चौधरी ने फाउंडेशन की ओर से आभार प्रकट किया।
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