म्हारो यार खेजड़ी है
सरकार खेजड़ी है
संकटमोचन बालाजी रो
दरबार खेचड़ी है
म्हारो यार...
ढाब बिच्चाळै सूंड पसारयां
गणपति बिराजै है
रूणीचै रा राम धणी म्हारै
जाळ बैठया साजै है
गढ में बैठ्या रघुनाथ
सिर करणी मां रो हाथ
भगतां रा कारज सारण नै
करतार खेजड़ी है
म्हारो यार....
बीच बजारां भैरूं बैठ्या
मंडी लिछमीनाथ री
राधा किरसन रास रचावै
जै हो भोळैनाथ री
मां संतोषी रो साथ
हरियै बाबै रो हाथ
जाम्भोजी री जसवाणी में
संसार खेजड़ी है
म्हारो यार....
गढ रै आगै शनिदेव री
महिमा अरम्पार है
काळी माता लैण पार रै
नरमुंडां री माळ है
मां ब्रह्माणी रो नांव
किरसन पीतर रो धाम
सोढल नगरी रै कण कण रो
सिणगार खेजड़ी है
म्हारो यार....
ग्यारस रा जैकारा गूंजै
श्याम धणी दरबार में
मंगळ थावर चढै चूरमा
बालाजी सरकार नै
पून्यू री चानण रात
जागण री कांई बात
रूंख भायलां री सरधा रो
सार खेजड़ी है
म्हारो यार....।
श्याम धणी दरबार में
मंगळ थावर चढै चूरमा
बालाजी सरकार नै
पून्यू री चानण रात
जागण री कांई बात
रूंख भायलां री सरधा रो
सार खेजड़ी है
म्हारो यार....।
-डॉ. हरिमोहन सारस्वत 'रूंख'
No comments:
Post a Comment
आलेख पर आपकी प्रतिक्रियाओं का स्वागत है. यदि आलेख पसंद आया हो तो शेयर अवश्य करें ताकि और बेहतर प्रयास किए जा सकेंं.