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Monday 22 April 2024

सावधान ! पुलिस के नाम पर ब्लैकमेल करने का नया गोरखधंधा

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 पुलिस अधिकारियों की डीपी लगे व्हाट्सएप नम्बरों से आती है कॉल


- साइबर क्राइम मामलों पर पुलिस और गृह मंत्रालय की बेबसी

'हैलो'
कौन ?
'हैलो, एसएचओ सदर विजय शर्मा बोल रहा हूं. मेरी बात राकेश अरोड़ा से हो रही है ?'
'जी, बोल रहा हूं !'
'सुनो अरोड़ाजी, तुम्हारा लड़का सोनू इस वक्त पुलिस कस्टडी में है. रेप का चार्ज है. चार लड़कों के साथ पकड़ा गया है. ऐसे ही संस्कार दिए तुमने ?
'क्या, क्या ?'
'क्या क्या मत कर. तुरंत पुलिस स्टेशन पहुंच !'
'सर, सर ! आप कौन बोल रहे हैं ?
'साले, एक बार में समझ नहीं आता, सदर पुलिस स्टेशन से बोल रहे हैं. तुम्हारे लड़के को उल्टा लटका कर वो सजा देंगे कि सात पीढियां याद रखेंगी.....'

जरा सोचिए, इस तरह की कॉल्स यदि आपके पास आए तो आपकी मनोदशा कैसी हो जाएगी. यकीनन एक बारगी तो आप घबरा ही जाएंगे और कॉल करने वाले फर्जी अधिकारी से ही मदद की गुहार लगाने लगेंगे. फेक कॉल करने वाला आपको अपने जाल में फंसा पाकर पैसे की डिमांड करेगा. आप अपनी इज्जत प्रतिष्ठा को बचाने के लिए पैसे भी देंगे और मामला रफा-दफा करने के लिए के लिए गिड़गिड़ाएंगे. लेकिन जब वास्तविकता का पता चलेगा तो आपके चूना लग चुका होगा.

ऐसी ही एक कॉल प्रेस क्लब सूरतगढ़ के पूर्व अध्यक्ष डॉ. हरिमोहन सारस्वत के पास सोमवार सुबह आई जिसमें कॉलर ने खुद को सदर पुलिस स्टेशन, दिल्ली का अधिकारी बताया. पाकिस्तान आईसीडी नंबर (9234410648330) से की जा रही इस कॉल के जरिए उन्हें

ब्लैकमेल करने की कोशिश की गई और पैसों की डिमांड की गई. चूंकि बात एक पत्रकार से हो रही थी इसलिए अपराधियों की दाल ज्यादा गली नहीं, लिहाजा फोन काट दिया गया. सिटी पुलिस सूरतगढ़ को इस संबंध में परिवाद देखकर तथ्यों से अवगत करवाया गया है.

पिछले कुछ दिनों से साइबर क्राइम के अपराधियों ने ठगी करने के नये ढंग निकाले हैं. इस तरीके में वे आम जन की भावनाओं से खिलवाड़ करते हुए उन्हें डराने का प्रयास करते हैं. ये अपराधी विशेष रूप से उन लोगों को शिकार बनाते हैं जिनके बच्चे घर से बाहर पढ़ रहे हैं। यह कॉल ज्यादातर पाकिस्तान के मोबाइल नंबर से आती है जिन्हें पहचान पाना बड़ा कठिन रहता है.

गंभीर बात यह है कि इन कॉल नंबर्स पर व्हाट्सएप डीपी में भारत के पुलिस अधिकारियों के चेहरे लगे रहते हैं. एसपी और आईजी स्तर के अधिकारियों के फोटोज इस्तेमाल कर डर का धंधा फैलाया जा रहा है. पुलिस और गृह मंत्रालय को सुरक्षा और निजता से जुड़े ऐसे मामलों पर गंभीरता से कार्यवाही करने की जरूरत है.

यदि आपके पास भी इस तरह की कोई कॉल आए तो सावधान रहें घबराएं नहीं बल्कि स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना दें.

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