- राजनीतिक शून्यता के चलते सूरतगढ़ की संभावना हुई धराशायी
- सूरतगढ़ समेत कई तहसीलों का क्षेत्राधिकार बदलने की आशंका
( एक्सक्लूसिव स्टोरी)
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा के मुताबिक श्रीगंगानगर जिले में दूसरा डीटीओ कार्यालय सादुलशहर तहसील में खुलने जा रहा है. ताजा सूत्रों के मुताबिक जिले की कुछ तहसीलों को सादुलशहर कार्यालय के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत लाया जा सकता है. जल्द ही इस आशय का नोटिफिकेशन जारी होने वाला है. इन तहसीलों में सूरतगढ़ को भी शामिल करने की बात की जा रही है. यदि ऐसा किया जाता है तो वाकई इस क्षेत्र का दुर्भाग्य होगा. जिले की अन्य तहसीलाें काे सादुलशहर डीटीओ ऑफिस से जाेड़ने पर लोगों की परेशानियां खत्म होने की बजाय बढ़ जाएगी.
सूरतगढ़ के सपने हुए धराशाई
सरकार के इस फैसले के कारण सूरतगढ़ में चल रहे डीटीओ कार्यालय के विस्तार और नया कोड मिलने की संभावनाएं एकबारगी तो धराशाई हो गई हैं. इसे जनप्रतिनिधियों की लापरवाही और राजनीतिक शून्यता का परिणाम ही कहा जाना चाहिए. कुछ समय पूर्व नेशनल हाईवे का सहायक अभियंता कार्यालय भी चुपचाप सूरतगढ़ से बीकानेर अंतरित हो गया था. इस लिहाज से यह दूसरा बड़ा मामला है जिसमें जनप्रतिनिधियों की चुप्पी इलाके के विकास पर भारी पड़ी है.
24 फरवरी को हुई बजट घोषणा में सरकार के इस निर्णय से अफसराें के साथ-साथ आमजन को भी हैरानी हुई थी क्योंकि यह सर्वविदित तथ्य है कि भौगोलिक दृष्टि से डीटीओ ऑफिस और नये कोड के लिए सूरतगढ़ और अनूपगढ़ ही सर्वथा उपयुक्त तहसीलें हैं.
एक नजर तथ्यों पर डालें
हालांकि प्रशासन ने लोगों की सुविधा काे ध्यान में रखते हुए अनूपगढ़ में नया डीटीओ ऑफिस खाेलने का प्रस्ताव भेजा बताते हैं. इसके लिए परिवहन विभाग से तथ्यात्मक रिपोर्ट भी मांगी गई थी. लेकिन राजनीतिक कारणों के चलते राज्य सरकार ने इस प्रस्ताव काे खारिज करते हुए सादुलशहर में डीटीओ ऑफिस खाेलने की बजट घाेषणा कर डाली.
गौरतलब है कि श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय से सबसे दूरस्थ क्षेत्र रावला व 365 हेड हैं. जिनकी दूरी 180 से 200 किमी. है. यहां के लोगों को डीटीओ में छोटे-छोटे कामों के लिए पूरा एक दिन खत्म करना पड़ता है. यदि यही डीटीओ कार्यालय अनूपगढ़ या सूरतगढ़ में खुलता तो जनसाधारण के लिए राहत की बात होती. श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय से रावला 160 किमी, घड़साना 140, अनूपगढ़ 125 किमी, श्रीविजयनगर 90, रायसिंहनगर 70 व सूरतगढ़ 72 किमी दूर है. जरा सोचिए यदि इन तहसील क्षेत्राें काे सादुलशहर डीटीओ ऑफिस के अधीन किया जाता है ताे आमजन के लिए कितनी बड़ी परेशानी खड़ी हो जाएगी.
जिला मुख्यालय स्थित डीटीओ ऑफिस से सादुलशहर मात्र 30 किमी दूर एक काेने पर बसा हुआ है. इसके एक तरफ पंजाब की सीमा लगती है ताे दूसरी तरफ हनुमानगढ़ जिले की. अन्य तहसील क्षेत्रों के लाेगाें काे यहां पहुुंचने के लिए श्रीगंगानगर जिला मुख्यालय हाेकर ही जाना पड़ता है. जिले में दूरस्थ स्थित किसी भी तहसील की सीमा सादुलशहर को नहीं छूती.
सादुलशहर का निर्णय ही अविवेकपूर्ण
बजट घोषणा के मुताबिक सादुलशहर में नया डीटीओ कार्यालय खुलना तय है. अब यदि सरकार जन विरोध को देखते हुए इस कार्यालय का क्षेत्राधिकार केवल सादुलशहर तहसील ही सीमित रखती है राजस्व की दृष्टि से सरकार को कोई विशेष फायदा नहीं मिलने वाला. सिर्फ एक तहसील के लिए डीटीओ कार्यालय संचालित होना किसी भी दृष्टि से बुद्धिमानी का निर्णय नहीं कहा जा सकता. यदि यही कार्यालय अनूपगढ़ अथवा सूरतगढ़ में खुलता तो आधे से अधिक जिले को राहत मिलती.
सरकार के इस अविवेकपूर्ण निर्णय के खिलाफ जनप्रतिनिधियों को जागने की जरूरत है. राजनीतिक हितों से ऊपर उठकर क्षेत्र के नेताओं को सामूहिक रूप से सरकार के इस अविवेकपूर्ण निर्णय में बदलाव की मांग करनी चाहिए. समय रहते यदि ऐसे फैसलों को नहीं बदला जाता है तो आमजन में घोर निराशा फैलेगी.