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Tuesday, 17 November 2020

प्रदर्शन के बाद हादसों के हाईवे पर निर्माण बंद


- सड़क सुरक्षा मानक पूरे होने के बाद ही शुरू होगा निर्माण 

- कॉटन सिटी लाइव की खबर का हुआ असर

- सिटी हंड्रेड के प्रयासों की  हुई भरपूर सराहना

- कंपनी ने सुरक्षा व्यवस्था बनाने का काम किया शुरू

सिटी हंड्रेड की टीम के प्रयासों और शहर के जागरूक नागरिकों के हस्तक्षेप के बाद 'हादसों के हाईवे' पर बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के चल रहा ऑवरब्रिज का काम एक बार रुकवा दिया गया है. निर्माणकर्ता एमबीएल कंपनी अब पहले सड़क सुरक्षा मानकों की पूर्ति करेंगी और उसके बाद ही निर्माण कार्य शुरू होगा.

कॉटन सिटी लाइव चैनल पर इस आशय का समाचार प्रकाशित होने के बाद मंगलवार सुबह सिटी हंड्रेड की टीम खेजड़ी रोड पर पहुंची और हाईवे सर्विस रोड निर्माण में घोर सुरक्षा लापरवाही के चलते काम रुकवा दिया. मौके पर पहुंचे शहर के जागरूक लोगों का कहना था कि स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के चलते इस हाईवे से गुजरना अत्यंत जोखिम भरा है. प्रशासन और निर्माण ठेकेदारों की मिलीभगत के कारण सारे सुरक्षा मानक ताक पर रख दिए गए हैं. नागरिकों में इस लापरवाही के प्रति जबरदस्त आक्रोश देखा गया.

काम बंद होने के कुछ देर बाद ठेकेदार कंपनी के प्रतिनिधि मौके पर पहुंचे और उन्होंने अपनी गलती स्वीकारी. कंपनी के प्रतिनिधियों ने निर्माणाधीन सड़क पर बैरिकेट्स लगाने, स्पीड ब्रेकर बनाने, संकेतक चिन्ह लगाने, गति सीमा नियंत्रक बोर्ड और रेडियम सुरक्षा पट्टियां लगाने का वचन दिया. सिटी हंड्रेड की टीम और मौके पर पहुंचे पालिका चेयरमैन ओमप्रकाश कालवा व किसान नेता राकेश बिश्नोई की उपस्थिति में सड़क सुरक्षा मानक पूरे न होने तक काम बंद रखने पर सहमति हुई.

प्रदर्शन का असर, सुरक्षा व्यवस्था पर काम शुरू




सिटी हंड्रेड के इस प्रदर्शन का असर यह हुआ कि देर शाम तक एमबीएल कंपनी द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए खेजड़ी मंदिर के पास बनी सर्विस रोड पर स्पीड ब्रेकर बनवा दिए गए हैं. संकेतक चिन्ह बोर्ड लगाने के साथ कंपनी के कर्मचारियों द्वारा रेडियम सुरक्षा पट्टी लगाने का काम भी शुरू हो गया है. नागरिकों की जागरुकता और सिटी हंड्रेड के प्रयासों के चलते इस मार्ग पर दुर्घटनाओं की संभावनाओं को कम करने का सराहनीय प्रयास हुआ है. यह प्रयास निरंतर जारी रहे, इसके लिए शहर के जिम्मेदार नागरिकों को भी आगे आने की जरूरत है.

Monday, 16 November 2020

आपका 'मंगल' कहीं 'अमंगल' न हो जाए !


-सूरतगढ़ में हादसों का हाईवे हुआ और रिस्की
- लचर प्रशासनिक व्यवस्था के चलते निर्माण ठेकेदार के सौ खून माफ


सावधान ! यदि आप इंदिरा सर्किल से खेजड़ी मंदिर रोड की तरफ जा रहे हैं तो जान हथेली पर रख लीजिए. यह मजाक नहीं, हालात ही कुछ ऐसे हैं. हाईवे ठेकेदार की घोर लापरवाही के कारण इन दिनों यह मार्ग जानलेवा बन गया है है. यकीन ना हो तो आप जाकर देख लीजिए.


नई धान मंडी के पश्चिमी गेट से खेजड़ी मंदिर के पास नेशनल हाईवे अथॉरिटी के ऑवरब्रिज का निर्माण कार्य चल रहा है. कॉलेज चौराहे के पास पुराने हाईवे को बंद कर दिया गया है और अब पूरा ट्रैफिक नवनिर्मित सर्विस रोड पर चल रहा है. इस सर्विस रोड से सटे पीएचइडी कार्यालय और रेडियो स्टेशन की तरफ बड़ा नाला है. वाहनों के ऑवरटेक के समय यह अत्यंत खतरनाक है. लेकिन सोचने की बात है कि ठेकेदार द्वारा वहां किसी भी प्रकार के सुरक्षा इंतजाम अथवा संकेतक नहीं लगाए गए हैं. यातायात पुलिस द्वारा भी वहां किसी प्रकार की बैरिकेडिंग नहीं की गई है. इसका नतीजा है कि यह हादसों का हाईवे बन चुका है. पिछले दिनों ही दो बेकसूर महिलाओं को इसी हाईवे पर हुई दर्दनाक दुर्घटना में जान से हाथ धोना पड़ा था. लेकिन स्थानीय प्रशासन की आंखें अब तक नहीं खुली हैं. इस मुद्दे पर शहर के जागरूक लोगों, विशेषकर हाईवे से सटे वार्डों के नागरिकों को चेतने की जरूरत है. मंगलवार और शनिवार को इस मार्ग पर श्रद्धालुओं की खासी भीड़ रहती है. यदि समय रहते आवाज नहीं उठी तो आने वाले दिनों में कभी भी दुर्घटना घट सकती है.


क्या हैं सुरक्षा नियम


हाईवे अथॉरिटी के नियमानुसार ठेकेदार द्वारा किसी भी शहर से गुजरने वाले हाईवे पर काम करने से पूर्व वहां कई प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था करने के प्रावधान हैं. इन व्यवस्थाओं में सड़क बंद होने, निर्माण कार्य जारी होने व रोड डायवर्जन जैसे संकेतक लगाए जाना शामिल है. स्पीड नियंत्रण के सूचना पट्ट तो पूरे रोड पर लगने जरूरी हैं. खतरे वाले स्थानों पर लाल झंडी लगाई जानी चाहिए. इसके अतिरिक्त चौराहों पर बैरिकेडस होने जरूरी हैं. 

इस सड़क की ठेकेदार कंपनी एमबीएल शुरू से ही इस तरह की लापरवाही करती रही है जिसका नतीजा है कि बीकानेर और सूरतगढ़ के बीच में हाईवे निर्माण के दौरान अनेक दुर्घटनाएं हुई है. इन दुर्घटनाओं में बीसियों लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा है.

Thursday, 12 November 2020

तीसरा आदमी !


एक आदमी है जो रोटी बेलता है 
एक आदमी है जो रोटी खाता है 
एक तीसरा आदमी भी है
जो न रोटी खाता है न बेलता है
वो सिर्फ रोटी से खेलता है
मैं पूछता हूं
वो तीसरा आदमी कौन है
मेरे देश की संसद मौन है...


प्रख्यात कवि 'धूमिल' की कविता का वह 'तीसरा आदमी' इन दिनों शहर के कई वार्डों में घूमता हुआ देखा जा सकता है. चुनावी उत्सव में यह 'तीसरा आदमी' हर वह घाघ और सत्तालोलुप प्रत्याशी है जो आपके वोट के दम पर पालिका पर कब्जा जमाने की फिराक में है. इस तीसरे आदमी की कोई पार्टी नहीं, कोई जात नहीं और कोई धर्म नहीं है. उसे तो बस पालिका बजट के आंकड़े और कमीशन की दर से मतलब है.

लोकतंत्र में देश को दीमक की भांति निकलता और उगलता यह 'तीसरा आदमी' साम, दाम, दंड, भेद की नीति पर आपका वोट हड़पना चाहता है ताकि वह पांच साल तक आप की 'रोटी' से खेल सके. यह 'तीसरा आदमी' आपके घर भी अपना 'पैकेज' लेकर पहुंच सकता है. जी हां, यह मजाक नहीं बल्कि एक कड़वी सच्चाई है. पालिका 'चेयरमैन' का ख्वाब देख रहे एक प्रत्याशी ने तो वोटों की संख्या के हिसाब से 'पैकेज' तैयार करने की रणनीति भी बना ली है.

तो फिर क्या करें ?


अगर मैं कहूंगा कि भाई 'पैकेज' लेकर वोट बेचना गलत है, ऐसा ना करें तो आप मेरी बात पर कान थोड़े ही धरेंगे. उल्टा आप कहेंगे कि 'आखिर हम भी तो इंसान हैं. 'पैकेज' पर दीन ईमान डोल ही जाता है.' और बिना 'पैकेज' के यदि किसी को वोट दे भी देंगे तो इस बात की क्या गारंटी है कि वो तीसरा आदमी हमारी 'रोटी' से नहीं खेलेगा ?

मैं आपकी भावनाएं समझता हूं. इसलिए ऐसा कुछ नहीं कहूंगा. बस इतनी सी अर्ज है कि इसी तीसरे आदमी से थोड़ी सी चालाकी सीख लीजिए. फिर उसी अंदाज में उसका 'पैकेज' स्वीकार कीजिए. आश्वासन के नाम पर उसके मुख में बातों की मिठास से भरी ऐसी चूसनी थमा दीजिए कि वह मतदान के दिन तक चूसता फिरे. और मतदान के दिन वो कीजिए जो आपको करने की जरूरत है। यानी इस 'तीसरे आदमी' को तीसरी दुनिया में भेजिए और एक स्वच्छ छवि के ईमानदार व्यक्ति को अपना पार्षद चुनिए ताकि आप की 'रोटी' से कोई खिलवाड़ न कर सके.

मर्जी है आपकी, आखिर वोट है आपका !

भाषायी लालित्य लिए मन को छूनेवाली कहानियां

- मनोहर सिंह राठौड़ ( पांख्यां लिख्या ओळमा की समीक्षा ) राजस्थानी और हिंदी भाषा के वरिष्ठ साहित्यकार मनोहर सिंह जी राठौड़ का कला और संस्कृति ...

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