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म्हारो यार खेजड़ी है !

 


म्हारो यार खेजड़ी है !


देव घणेरा लोक में, ज्यां री महिमा अपरम्पार

सोढ़ल रो सिणगार है, म्हारो खेजड़ली दरबार


म्हारो यार खेजड़ी है, सरकार खेजड़ी है

संकटमोचन बालाजी दरबार खेजड़ी है

म्हारो यार......


ढाब बिच्चाळै सूंड पसार्यां गणपतजी बिराजै है

रूणीचै रा रामधणी म्हारै जाळ बैठ्या साजै है

गढ में बैठ्या रघुनाथ, सिर मां करणी रो हाथ

भगतां रा कारज सारण नै करतार खेजड़ी है

म्हारो यार......!


बीच बजारां भैरूं बैठ्या मंडी लिछमीनाथ री

राधा किरसन रास रचावै जै हो भोळैनाथ री

मां संतोषी रो साथ, हरियै बाबै रो हाथ

जांभोजी री जसवाणी में संसार खेजड़ी है

म्हारो यार.....!


गढ रै सामीं सनीदेव री महिमा अपरम्पार है

काळीमाता लैणपार गळ नरमुंडन री माळ है

मां बिरमाणी रो नांव किरसन पितर रो धाम

सोढलनगरी रै कण-कण रो सिणगार खेजड़ी है

म्हारो यार.....!


ग्यारस नै जैकारा गूंजै स्यामधणी दरबार में

मंगळ थावर चढै चूरमा बालाजी सरकार नै

पून्यू री चानण रात, जागण री कांई बात

रूंख भायलै री सरधा रो सार खेजड़ी है

म्हारो यार.....!

- रूंख भायला


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