Search This Blog

आपकी मौत


आपकी मौत

आपकी मौत उस वक्त नहीं होती
जब आपकी सांसें बंद होती है
उस वक्त भी आप जिंदा होते हैं
ख्यालों में
बातों में
आंसुओं में
भीगी रातों में.

दरअसल, उस वक्त
आपकी जिंदगी का स्वर्णकाल शुरू होता है
परिवार और मित्र लोग
सिर्फ आपकी अच्छाइयों की चर्चा करते हैं
आपकी सारी बुराइयां
सारे अवगुण भुला दिये जाते हैं
आपके व्यक्तित्व की शान में 
वो कशीदे निकाले जाते हैं
जिनका पता शायद 
जीते जी आपको भी नहीं लगा
तभी तो बैठक में लगी
आपकी माला डली तस्वीर
मुस्कुरा कर पूछती है-
‘यार, क्या वाकई मैं इतना लायक था ?’

जिंदगी के इस हसीन दौर में
आपके एक ही वार से
सारे दुष्मन हथियार डाल देते हैं
कई तो तुम्हारे घर तक
सिर झुकाए
हाथ जोड़े 
चलकर आ जाते हैं
मजे की बात,
वे भी तुम्हे महान बता जाते हैं.

सच कहूं
तो उस वक्त तुम्हारा घर 
राजदरबार हो जाता है
नेता/अभिनेता
अड़ौसी/पड़ौसी
चाची/ताई
मौसा/मौसी
सब तुम्हारे दरबार में
नंगे पांव आकर 
दरी पर बैठते हैं
पलक झपकते ही 
तुम रंक से राजा बन जाते हो.

तुम्हारी याद में
जनानाखाने की औरतें
रूदाली बन जाती हैं
कोई सच में रोती है
कोई झूठ में रोती है
कहीं जाडे़ जुड़ते है
कोई आपा खोती है
औरतें वाकई औरतें होती है.

बारह दिन
सबके दिल दिमाग पर
एकछत्र तुम्हारा राज चलता है
तुम्हारे नाम से सूरज निकलता है
तुम्हारी याद में रात ढलती है
उठते-बैठते
खाते-पीते
रोते-धोते
सिर्फ तुम्हारी चर्चा चलती है
और तेरहवें दिन.......।

तेरहवें दिन
भोर के सूरज से 
तुम्हारा नाम गायब होता है
तस्वीरों में बोलती तुम्हारी आंखें
हमेषा के लिए ठहर जाती है
सांझ ढलते-ढलते
तुम्हारे राज दरबार की दरी उठ जाती है
और सही मायनों में 
उसी वक्त तुम्हारी मौत हो जाती है.

No comments:

Post a Comment

आलेख पर आपकी प्रतिक्रियाओं का स्वागत है. यदि आलेख पसंद आया हो तो शेयर अवश्य करें ताकि और बेहतर प्रयास किए जा सकेंं.

सावधान ! पुलिस के नाम पर ब्लैकमेल करने का नया गोरखधंधा

-   पुलिस अधिकारियों की डीपी लगे व्हाट्सएप नम्बरों से आती है कॉल - साइबर क्राइम मामलों पर पुलिस और गृह मंत्रालय की बेबसी 'हैलो' कौ...

Popular Posts