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पाग


 पाग


अब पाग कोनी दीसै !
पाग किंयां दीसै
पाग तांई सिर चाइजै
पळकतो माथो चाइजै
मिनखपणो चाइजै
जिको उण नै साम्है
अनै उंचांयां राखै.

सिर
माथा
अर मिनखपणौ
कठै रया अबार !

अबै री घड़ी
खाली धड़ां है
जिकी पड़नै अनै आखड़नै रै डर सूं
घड़ लिया है
फगत दरसाव देखता मुखौटा
वान्नै वगत सारू ओपावै
सरकस रै जोकर दांई.

पाग तांई काळजा चाइजै
जका दकाळै
ढांडां री रो'ई मांय
दाकळतै सिंघ नै
पाग तांई मूंछ चाइजै
जिण रो एक बाळ अडाणै मेल्यां
आडै वगत मांय बंचै आण.

बाई-गट्टां री बातां करता
मूंडां बिच्चाळै
काळजा अर मूंछ
कठै दीसै अबार
पूंछ हिलांवता चैरा
हो रया है जाबक ई बै'रा.

पछै पाग
किण रै ताण टिकै ?
माथौ, मूंछ
अर काळजै दांई
लुक नीं सकी बा
बापड़ी साफो बण
टुकड़ां मांय बिकै !

-रूंख

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