वज्र देह दानव दलन जय जय कपि सूर
शरद पुर्णिमा ! सूरतगढ़ का श्रंगार कहे जाने वाले खेजड़ी दरबार की छटा आज विशेष दर्शनीय है। हो भी क्यों ना, आज शरद पूर्णिमा का खास आयोजन है। मंदिर परिसर में सजाई गई लाल लड़ियों के प्रकाश में ऐसा लगता है जैसे सीता माता का स्नेह ‘लाली मेरे लाल की जित देखूं तित लाल..’ बरस रहा रहा है। सर्वविदित है कि हनुमानजी महाराज को लाल सिंदूर से लगाव है, इसी को ध्यान में रखकर इस बार मंदिर कमेटी द्वारा मंदिर की सजावट में लाल रंग की थीम से सजावट की गई है। इसके लिए समिति की पूरी टीम बधाई की पात्र है। इस बार धौलपुर पत्थरों से सुसज्जित मंदिर को सुनहरी लड़ियों से सजाया गया है। खास बात यह है कि तराशे गए पत्थरों पर सजी इन सुनहरी लड़ियों के प्रकाश की विपरीत दिशा में लाल रंग परावर्तित करने वाली खास लाइटें लगाई गई हैं जिससे सुनहरी रोशनी लाल रंग में बदल गयी है । इस लाइटिंग में मंदिर की शोभा बेहद आकर्षक बन पड़ी है। शरद पूर्णिमा की रात में आसमान में चमकता पूरा चांद है, मौसम भी सुहावना है, ऐसे में शहर भर के श्रृद्धालु आस्था और विश्वास लिए खेजड़ी दरबार में पहुंच रहे हैं। धोरों में बीच स्थित बालाजी के दरबार की यह शोभा अवर्णनीय है।
गौरतलब है कि बालाजी महाराज की कृपा और मंदिर कमेटी के समर्पित प्रयासों से विगत कुछ ही वर्षों में खेजड़ी मंदिर का कायाकल्प हो गया है। कमेटी अध्यक्ष नरेन्द्र राठी ने अपनी टीम के साथ पूरे परिसर को भव्य रूप देने में कसर नहीं छोड़ी है। मंदिर में आज भव्य रात्रि जागरण भी है, यदि आस्था और मन हो तो आपको खेजड़ी दरबार में आज अवष्य हाजिर लगानी चाहिए।
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