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Friday, 4 October 2024

चिकित्सालय प्रभारी और पुलिस की कार्यशैली के खिलाफ शहरवासी हुए लामबंद, झूठे मुकदमे के खिलाफ आंदोलन की तैयारी

 


सूरतगढ़, 15 सितम्बर। राजकीय चिकित्सालय प्रभारी द्वारा वरिष्ठ साहित्यकार और पत्रकार डॉ. हरिमोहन सारस्वत, उमेश मुदगल और 30-40 अन्य रोगी वरिष्ठजनों के खिलाफ संगीन धाराओं में मामला दर्ज करवाने के विरोध आज प्रबुद्ध नागरिकों की बैठक आयोजित की गई। सैन मंदिर में आयोजित इस बैठक में बड़ी संख्या में भाजपा, कांग्रेस, माकपा, बसपा और आम आदमी पार्टी सहित सभी राजनीतिक पार्टियों के प्रमुख नेताओं सहित गणमान्य नागरिक मौजूद रहे। प्रेस क्लब सूरतगढ़ के आह्वान पर बुलाई गई इस बैठक में उपस्थित सभी लोगों ने एक सुर में घटना की निंदा की। वक्ताओं ने राजकीय चिकित्सालय की अव्यवस्थाओं और चिकित्सा प्रभारी के रवैया पर रोष व्यक्त किया।

भाजपा जिलाध्यक्ष शरणपाल सिंह मान ने कहा कि इस मुद्दे पर वे जल्द ही चिकित्सा विभाग के आला अधिकारियों से बात करेंगे और जो भी दोषी चिकित्सक है उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। पूर्व विधायक अशोक नागपाल ने कहा कि डॉ. हरिमोहन सारस्वत अपने निजी काम के लिए प्रभारी के पास नहीं गए थे। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो को देखकर कहीं भी ऐसा नहीं लगता कि सरकारी डॉक्टर के साथ किसी तरह की हिंसा या कोई और घटना हुई है। नागपाल ने कहा कि जो भी हुआ है वह गलत हुआ है हम उसकी निंदा करते हैं। कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष परसराम भाटिया ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि राजकीय चिकित्सालय में अव्यवस्थाओं का मामला नया नहीं है। जरूरत पड़ी तो हम चिकित्सालय में भी धरना लगाएंगे। जनता मोर्चा के ओम पुरोहित ने कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर जिस तरह से प्रहार करने की कोशिश की गई है उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर इस मामले को लेकर सड़कों पर भी उतरना पड़ा तो सबसे आगे खड़े मिलेंगे। उन्होंने पुलिस के कार्य प्रणाली पर भी सवाल उठाया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बलराम वर्मा ने कहा कि भाजपा नेताओं को पार्टी बाजी से हटकर अपने शीर्ष नेतृत्व से बात प्रभारी डॉक्टर को तुरंत हटाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह से संगीन धाराऐं इस मामले में जोड़ी गई है अगर ऐसे मुकदमे होंगे तो फिर आमजन की लड़ाई कौन लड़ेगा। भाजपा महिला नेता रजनी मोदी ने कहा कि कोई भी आम आदमी अव्यवस्थाओं के खिलाफ बोलेगा और उस पर मुकदमा होता है तो जनता को लामबंद होना पड़ेगा। किसान नेता राकेश बिष्नोई ने कहा कि कहा कि इस सब का उद्देश्य है डर का माहौल पैदा करना ताकि लोग अव्यवस्था के खिलाफ बोलना बंद कर दे। उन्होंने कहा कि इस तरह के डॉक्टरों की सूरतगढ़ में जगह नहीं है।

बार संघ न्यायिक के अध्यक्ष एडवोकेट अनिल भार्गव ने कहा कि चिकित्सा प्रभारी डॉ सुखीजा हमेशा से ही विवादित रहे हैं तथा पूर्व में भी एपीओ हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस भी बराबर की दोषी है। घटनाक्रम में राजकार्य में बाधा जैसा कुछ था ही नहीं, पुलिस को मुकदमा दर्ज करने से पहले पूरी जांच करनी चाहिए थी। इसके लिए जागरूक लोगों को एकत्रित होकर प्रभारी को सबक सिखाना होगा। कांग्रेस के युवा नेता गगन वींडिंग ने कहा कि प्रभारी को सूरतगढ़ का इतिहास देख लेना चाहिए कि यहां पर विवादित अधिकारियों को किस तरह से विदा किया गया है।

क्रांतिकारी महावीर भोजक ने कहा यह चिकित्सा प्रभारी की हठधर्मिता और घोर लापरवाही है कि वो अपने कक्ष में बैठे रहे और सीनियर सिटीजंस के लिए दवा वितरण की माकूल व्यवस्था नहीं करवा पाए। आप नेता और पूर्व ईओ पृथ्वीराज जाखड़ ने कहा कि चिकित्सा प्रभारी की बदतमीजी के वें खुद भुक्तभोगी हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सा प्रभारी को बोलने की तमीज भी नहीं है। जाखड़ ने कहा कि एक जूनियर डॉक्टर को प्रभारी बना दिया है जिसकी वजह से सीनियर डॉक्टरों को इसकी जी हजूरी करनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि अगर हरिमोहन जी बुजुर्गों को दवाई दिलाने के लिए प्रभारी के पास ले भी गए तो कौन सा गुनाह हो गया। लोग तो उनके पास जाएंगे ही। सामाजिक कार्यकर्ता और आंदोलनकारी महावीर तिवारी ने कहा कि राजकीय चिकित्सालय के डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं जाते और घरों में मरीजों को देखते हैं। उन्होंने संगीन धाराओं में मामला दर्ज करने पर पुलिस पर भी सवाल उठाए। हनुमानगढ

बैठक में भाजपा में पूर्व नगरमंडल अध्यक्ष जयप्रकाष सरावगी, वर्तमान अध्यक्ष सुरेश मिश्रा, पूर्व महिला जिलाध्यक्ष रजनी मोदी, पूर्व नगर पालिकाध्यक्ष बनवारी लाल मेघवाल, कामरेड सखी मोहम्मद, बसपा नेता अमित कल्याना ने भी अपनी बात रखी और चिकित्सा प्रभारी के खिलाफ संघर्ष का बिगुल बजाने का आह्वान किया। बैठक में किरयाणा यूनियन के अध्यक्ष किशोर गाबा, पूर्व व्यापार मंडल अध्यक्ष दीपक भाटिया, भाजपा नेता अशोक आसेरी, समाजसेवी, विजय मुदगल, वली मोहम्मद, कॉटनसिटी प्रेस क्लब के अध्यक्ष नवल भोजक, पत्रकार रामप्रवेष डाबला, जितेन्द्र खालिया, वृक्ष मित्र राजेन्द्र सैनी, नरेन्द्र शर्मा, कांग्रेसी नेता जगदीष बिष्नोई, बिश्नोई समाज के सीताराम बिश्नोई, पूर्व पार्षद चरणजीत चन्नी, पार्षद हरीश दाधीच, सुरेन्द्र राठौड़, राजीव चौहान, कृष्ण छिम्पा, त्रिमूर्ति मार्केट एसोसिएशन के प्रमोद ज्याणी, गौरीषंकर निमीवाल, एडवोकेट राकेष नायक, एडवोकेट अविनाष महर्षि, डॉ. हर्ष भारती, अली कादरी, टैक्स बार संघ के श्रीकांत सारस्वत, युवा नेता गौरव बलाना, पवन छाबड़ा, अजय सिसोदिया, छात्र नेता रामू छिम्पा, एडवोकेट राजकुमार सेन, राहुल सहारण, सुमित चौधरी, शक्ति सिंह भाटी, अश्वनी भांभू, अनिल ठाकराणी, सिकंदर स्वामी, कृष्ण जालप, अमरनाथ लंगर सेवा समिति के किषन स्वामी, योगेष स्वामी, विकास सारस्वत, सरदूलसिंह भाटी, प्रो. आईएस चेतिवाल, बृजलाल पटवारी, डॉ. जगदीष कस्वा, भागीरथ मेघवाल, सुखदेव सरपंच खूबचंद नायक, वकील राजकुमार सेन, रतन पारीक, ललित शर्मा, एडवोकेट विमल सिंह परिहार, रमेश आसवानी, विकास मदान सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

बैठक के बाद उपस्थित जनों ने पुलिस उपाधीक्षक कार्यालय पहुंचकर सीओ प्रतीक मील को इस मामले में अपना विरोध दर्ज करवाया। लोगों का कहना था कि पुलिस ने इस मामले में एकतरफा कार्यवाही करते हुए मामला दर्ज किया है जो नाकाबिले बर्दाष्त है। उन्होंने सीओ को सामुहिक रूप से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई है कि व्रिष्ठजनों के प्रति असंवेदनशील और डयुटी निष्पादन में घोर लारपवाही के दोषी प्रभारी चिकित्सक को प्रभारी पद से तुरंत हटाया जाए तथा इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवाएं।


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