जिया-जूण हुवै
सिकती रोटी दांई
पिसीजै
गूंधीजै
बंटीजै
अर सिकै है
होळै-होळै.
सिकते-सिकते
बळ ई सके
कांई जेज लागै.
इण सारू
सावचेत हु’र
उथळता रया
बेगी सीक
जिया जूण सी
रोटी नै !
अकादमी द्वारा वर्ष 2023-24 के घोषित वार्षिक पुरस्कारों में पांच पुरस्कार लेकर रचा नया इतिहास उदयपुर। 26 सितंबर। ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा ...
No comments:
Post a Comment
आलेख पर आपकी प्रतिक्रियाओं का स्वागत है. यदि आलेख पसंद आया हो तो शेयर अवश्य करें ताकि और बेहतर प्रयास किए जा सकेंं.