जिया-जूण हुवै
सिकती रोटी दांई
पिसीजै
गूंधीजै
बंटीजै
अर सिकै है
होळै-होळै.
सिकते-सिकते
बळ ई सके
कांई जेज लागै.
इण सारू
सावचेत हु’र
उथळता रया
बेगी सीक
जिया जूण सी
रोटी नै !
- पालिका बैठक में उघड़े पार्षदों के नये पोत (आंखों देखी, कानों सुनी) - डॉ. हरिमोहन सारस्वत 'रूंख' पालिका एजेंडे के आइटम नंबर...
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