-सूरतगढ़ में हादसों का हाईवे हुआ और रिस्की
- लचर प्रशासनिक व्यवस्था के चलते निर्माण ठेकेदार के सौ खून माफ
सावधान ! यदि आप इंदिरा सर्किल से खेजड़ी मंदिर रोड की तरफ जा रहे हैं तो जान हथेली पर रख लीजिए. यह मजाक नहीं, हालात ही कुछ ऐसे हैं. हाईवे ठेकेदार की घोर लापरवाही के कारण इन दिनों यह मार्ग जानलेवा बन गया है है. यकीन ना हो तो आप जाकर देख लीजिए.
नई धान मंडी के पश्चिमी गेट से खेजड़ी मंदिर के पास नेशनल हाईवे अथॉरिटी के ऑवरब्रिज का निर्माण कार्य चल रहा है. कॉलेज चौराहे के पास पुराने हाईवे को बंद कर दिया गया है और अब पूरा ट्रैफिक नवनिर्मित सर्विस रोड पर चल रहा है. इस सर्विस रोड से सटे पीएचइडी कार्यालय और रेडियो स्टेशन की तरफ बड़ा नाला है. वाहनों के ऑवरटेक के समय यह अत्यंत खतरनाक है. लेकिन सोचने की बात है कि ठेकेदार द्वारा वहां किसी भी प्रकार के सुरक्षा इंतजाम अथवा संकेतक नहीं लगाए गए हैं. यातायात पुलिस द्वारा भी वहां किसी प्रकार की बैरिकेडिंग नहीं की गई है. इसका नतीजा है कि यह हादसों का हाईवे बन चुका है. पिछले दिनों ही दो बेकसूर महिलाओं को इसी हाईवे पर हुई दर्दनाक दुर्घटना में जान से हाथ धोना पड़ा था. लेकिन स्थानीय प्रशासन की आंखें अब तक नहीं खुली हैं. इस मुद्दे पर शहर के जागरूक लोगों, विशेषकर हाईवे से सटे वार्डों के नागरिकों को चेतने की जरूरत है. मंगलवार और शनिवार को इस मार्ग पर श्रद्धालुओं की खासी भीड़ रहती है. यदि समय रहते आवाज नहीं उठी तो आने वाले दिनों में कभी भी दुर्घटना घट सकती है.
क्या हैं सुरक्षा नियम
हाईवे अथॉरिटी के नियमानुसार ठेकेदार द्वारा किसी भी शहर से गुजरने वाले हाईवे पर काम करने से पूर्व वहां कई प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था करने के प्रावधान हैं. इन व्यवस्थाओं में सड़क बंद होने, निर्माण कार्य जारी होने व रोड डायवर्जन जैसे संकेतक लगाए जाना शामिल है. स्पीड नियंत्रण के सूचना पट्ट तो पूरे रोड पर लगने जरूरी हैं. खतरे वाले स्थानों पर लाल झंडी लगाई जानी चाहिए. इसके अतिरिक्त चौराहों पर बैरिकेडस होने जरूरी हैं.
इस सड़क की ठेकेदार कंपनी एमबीएल शुरू से ही इस तरह की लापरवाही करती रही है जिसका नतीजा है कि बीकानेर और सूरतगढ़ के बीच में हाईवे निर्माण के दौरान अनेक दुर्घटनाएं हुई है. इन दुर्घटनाओं में बीसियों लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा है.
Good job sir ji
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