भाषा से साहित्य एवं संस्कृति का संवर्द्धन : सोनी
लूनकरणसर, 29 अक्टूबर। रोटरी क्लब बीकानेर के राज्य स्तरीय ब्रज उर्मी राजस्थानी पद्य पुरस्कार से वरिष्ठ कवि, कथाकार डॉ.हरिमोहन सारस्वत 'रूंख' को नवाज़ा गया।
रविवार को संपन्न हुए इस समारोह में कला डूंगर कल्याणी राजस्थानी शिखर पुरस्कार भवानीशंकर व्यास 'विनोद' और खींवराज मुन्नीलाल सोनी राजस्थानी गद्य पुरस्कार जितेंद्र निर्मोही, कोटा को दिया गया। जितेन्द्र कुमार सोनी (आई.ए.एस.) मिशन निदेशक, एन.एच.एम., राजस्थान सरकार, जयपुर, समारोह के मुख्य अतिथि रहे। मुख्य अतिथि सोनी ने कहा कि साहित्य के माध्यम से ही संस्कृति सुरक्षित रह सकती है। हमें अपनी नई पीढ़ी को मातृभाषा राजस्थानी से जोड़ना चाहिए ताकि वे अपनी हजारों साल पुरानी भाषा की विरासत को जान समझ सकें। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि रोटे. पवन खण्डेलवाल, प्रान्तपाल ने भी मायड़ भाषा को बढ़ावा देने पर बल दिया।
गौरतलब है कि राजस्थानी कविता विधा में श्रेष्ठ सर्जन के लिए दिया जाने वाला 'ब्रज उर्मी' राजस्थानी पद्य पुरस्कार रूंख को उनकी काव्य कृति 'म्हारो काळजो' पर दिया गया है। पुरस्कार के तहत उनको नगद राशि के साथ सम्मान पत्र श्रीफल और साहित्य अर्पित किया गया। कार्यक्रम में रूंख ने अपने लेखन के सफर पर प्रकाश डाला।
उल्लेखनीय है कि हरिमोहन सारस्वत नई पीढ़ी के चर्चित कवि, कथाकार के साथ राजस्थानी भाषा मान्यता के सजग पैरोकार है। अनुवादक के रूप में भी उनकी विशिष्ट पहचान है। म्हारो काळजो के अलावा उनकी राजस्थानी में गम्योड़ा सबद, पांख्या लिख्या ओळमा, हिंदी में कविता संग्रह कोहरे में लिपटी बात, गुलेरी की गलियों से गुजरते हुए, पंजाबी से राजस्थानी में अनुवाद की एक पुस्तक लूणा प्रकाशित हो चुकी है। कार्यक्रम के दौरान रोटरी क्लब के रोटे. अरुण प्रकाश गुप्ता ने सम्मानित अतिथियों को बधाई प्रेषित करते हुए आगन्तुकों का आभार व्यक्त किया। साहित्यकार राजूराम बिजारणियां,आलोचक डॉ.नीरज दइया, राजेंद्र जोशी, बुलाकी शर्मा, रवि पुरोहित, शंकरसिंह राजपुरोहित, नमामीशंकर आचार्य, अशद अली असद, सहित विभिन्न शब्द शिल्पी मौजूद रहे।
No comments:
Post a Comment
आलेख पर आपकी प्रतिक्रियाओं का स्वागत है. यदि आलेख पसंद आया हो तो शेयर अवश्य करें ताकि और बेहतर प्रयास किए जा सकेंं.